राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) के मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने अपने फैसले में हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को अंतिम संस्कार में जाने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने का निर्देश दिया है. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश भी दिया है. बता दें कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 150 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस मामले पर अदालत अब 28 फरवरी (शुक्रवार) को 2.30 बजे अगली सुनवाई करेगी.
10 प्वाइंटस में जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा
-हाईकोर्ट ने हिंसा पीड़ितों को कंबल, दवाइयां, भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ पुनर्वास के लिए शेल्टर होम शुरू करने का निर्देश दिया है.
-पीड़ितों को तत्काल सहायता दिलाने के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के अलावा पीड़ितों को सुरक्षित मार्ग से भेजने के लिए निजी एंबुलेंस उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है.
-दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को सभी दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिलवाने में मदद करने का निर्देश दिया गया है.
-साथ ही दंगा पीड़ित लोगों को संबंधित अधिकारियों से संपर्क के लिए मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए जाने का निर्देश मिला है.-कोर्ट ने कहा कि जो लोग दंगों में घायल हुए हैं, उनको तत्काल प्रभाव से मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जाए.
-कोर्ट ने कहा है कि 1091 जैसी कई हेल्पलाइन नंबर दिल्ली सरकार की है, लेकिन उनकी पब्लिसिटी आम लोगों में करने की जरूरत है.
-कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा कि जिन लोगों की दंगों में मौत हुई है, उनके अंतिम संस्कार के लिए सेफ पैसेज मुहैया कराया जाए.
-दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार अस्थाई सेल्टर का निर्माण करे, ताकि प्रभवित लोगों को साफ पानी, दवाई, खाना मुहैया कराया जा सके.
-सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि समय आ गया है जब आम नागरिकों को भी Z प्लस श्रेणी जैसी सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसके अलावा सरकार को विश्वास बहाली के लिए कदम उठाने को भी कहा गया